Ad

कृषि बजट

Rajasthan ka krishi budget: किसानों के लिए बहुत कुछ है राजस्थान के कृषि बजट में

Rajasthan ka krishi budget: किसानों के लिए बहुत कुछ है राजस्थान के कृषि बजट में

13 महीनों तक चले किसान आंदोलन ने यह साबित किया कि अब सरकारों को उनकी तरफ ध्यान देना होगा अन्यथा सरकारें चल नहीं पाएंगी। उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में चल रहे चुनावों के मद्देनजर ही, डैमेज कंट्रोल करने के वास्ते प्रधानमंत्री को तीनों कृषि कानून वापस लेने पड़े। यह वापसी इसलिए हुई क्योंकि देश भर के किसान एकजुट हो गए थे। किसानों की एकता का ही यह परिणाम था कि कानून वापस हुए और अब किसान अपने घरों पर हैं। लेकिन, इसके दूरगामी परिणाम को आपने देखा क्या। इसका दूरगामी परिणाम है, 23 फरवरी को राजस्थान में पेश किया गया कृषि बजट। जी हां, जब से राजस्थान बना है, तब से लेकर अब तक ऐसा कभी नहीं हुआ था कि बजट के बाद कोई कृषि बजट पेश किया गया हो। वह भी अलग से। पहले कभी ऐसा नहीं हुआ था। राजस्थान में जो कृषि बजट पेश किया गया, वह किसानों के आंदोलन की ही परिणिति है, ऐसा मानना गलत नहीं होगा।

क्या है कृषि बजट में

अब बड़ा सवाल यह है कि इस किसान बजट में है क्या।

दरअसल, इस किसान बजट में कई व्यवस्थाएं दी गई हैं। इन व्यवस्थाओं को गौर से देखें तो समझ जाएंगे कि राजस्थान सरकार किसानों को लेकर कितनी चिंतित है। हां, सरकारी खजाने की अपनी एक सीमा होती है। कृषि ही सब कुछ नहीं होती पर कृषि को तवज्जो देकर सरकार ने एक सकारात्मक रुख का प्रदर्शन तो जरूर किया है। आइए समझें कि इस कृषि बजट में है क्या।

1. मुख्यमंत्री कृषक साथी का बजट बढ़ गया

दरअसल, 2021 में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उद्योग क्षेत्र में चलाई जाने वाली योजना को कृषि क्षेत्र में, थोड़े परिवर्तन के साथ लागू कर दिया। अर्थात, अगर आप किसान हैं और कृषि कार्य करते हुए आपके साथ कोई हादसा हो गया तो इस योजना के तहत आपको दो से 5 लाख रुपये तक की तात्कालिक सहायता मिलेगी। यह योजना कई क्लाउजेज की व्याख्या करती है। जैसे, यदि आपकी एक अंगुली कट जाए तो सरकार आपको 5000 रुपये देगी। दो कट जाए तो 10000 रुपये, तीन कट जाए तो 15000 रुपये और चार कट जाए तो 20000 रुपये का भुगतान करेगी सरकार। ऐसे ही अगर आपकी पांचों अंगुलियां कट जाती हैं तो सरकार आपको 25000 रुपये देगी। इस योजना के लिए बीते साल के बजट में 2000 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई थी। अब इसका दायरा बढ़ाने की गरज से सरकार ने इस योजना के लिए 5000 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की है। धनराशि बढ़ाने को किसानों ने बेहद बढ़िया माना है।

ये भी पढ़े : कृषि प्रधान देश में किसानों की उपेक्षा असंभव

2. मुख्यमंत्री जैविक कृषि मिशन

कृषि बजट में सरकार ने घोषणा की है कि इसी सत्र से मुख्यमंत्री जैविक खेती मिशन शुरू कर दिया जाएगा। इसके तहत सरकार उन किसानों को ज्यादा लाभ देगी, जो शुद्ध रूप से जैविक केती के लिए तैयार होंगे। इस योजना के तहत, सरकार उन्हें आर्थिक पैकेज तो देगी ही, जरूरत पड़ी तो उनकी फसलों को भी खरीद लेगी। इसके लिए पहले 600 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। अगले बजट में इस धनराशि को बढ़ाया भी जा सकता है।

3. बीज उत्पादन एवं विपणन तंत्र की घोषणा

इस कृषि बजट में सरकार ने एक ऐसा तंत्र विकसित करने की घोषणा की, जिसके तहत सभी किसानों तक सरकारी योजनाएं पहुंच सकें। खास कर बीज और कृषि के अन्य अवयवों को सरकार एक साथ किसानों तक पहुंचाना चाहती है। सरकार का जोर इस बात पर ज्यादा है कि राज्य के कम से कम दो लाख छोटे किसानों तक मूंग, मोठ और उड़द के प्रमाणित बीजों के मिनी किट्स मुफ्त में उपलब्ध कराए जाएं। इन चीजों के लिए ही बीज उत्पादन एवं विपणन तंत्र की घोषणा की गई है। सरकार एक सिस्टम बनाना चाह रही है जिससे समय पर और सिस्टमेटिक रुप में किसानों तक कृषि संबंधित चीजों की डिलीवरी हो सके। इस किस्म का सिस्टम छत्तीसगढ़ में पहले से चल रहा है।

ये भी पढ़े : सरकार के नए कृषि कानूनों से किसानों को कितना फायदा और कितना नुकसान

4. राजस्थान भूमि उर्वरकता मिशन की घोषणा

इस कृषि बजट में सरकार ने राजस्थान भूमि उर्वरकता मिशन की घोषणा की। इस मिशन के तहत राजस्थान के किसान यह जान सकेंगे कि उनकी जो जमीन है, उसकी उर्वरक क्षमता क्या है। किस किस्म की खेती उन्हें कब और कैसे करनी चाहिए। अभी राजस्थान में सभी किसान परंपरागत खेती कर रहे हैं। इस मिशन के शुरू हो जाने के बाद माना जा रहा है कि खेती कार्य में विविधता आएगी। समय-समय पर जब मिट्टी की जांच होगी तो किसानों को यह एडवाइस भी दिया जाएगा कि इसकी उर्वरकता बढ़ाने के लिए उन्हें क्या करना चाहिए।

5. दूध पर 5 रुपये प्रति लीटर अनुदान

राजस्थान सरकार ने अपने कृषि बजट में यह व्यवस्था की है कि जो भी किसान अपना दूध सहकारी दुग्ध उत्पादक संघों को देंगे, उन्हें 5 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से अनुदान भी मिलेगा। यह व्यवस्था इसलिए की गई है ताकि दूध सहकारी दुग्ध उत्पादक संघों के माध्यम से राजस्थान भर में बिके। 

6. कर्ज की व्यवस्था

इस कृषि बजट में घोषणा की गई है कि सरकार वर्ष 2022 में किसानों को फसली ऋण भी देगी। यह फसली ऋण 20000 करोड़ की लिमिट के भीतर होगी। ऐसे लाभार्थी किसानों की संख्या इस साल के लिए पांच लाख तय की गई है। इतना ही नहीं, जो लोग कृषि कार्य से प्रत्यक्ष रुप से नहीं जुड़े हैं, उन्हें भी कर्ज दिया जाएगा। इस साल ऐसे परिवारों की संख्या एक लाख तय की गई है। कर्ज कितना मिलेगा, यह तय नहीं है पर मिलेगा जरूर। कुल मिलाकर, यह किसानों के भीतर हौसला बुलंद करने वाला बजट है। इसे अगर अमली जामा पहना दिया जाए तो राजस्थान के किसानों की स्थिति बेहद सुदृढ़ हो सकती है। जिस भाव से बजट पेश किया गया है, वह बेहतर है। उसी भाव से इस पर अमल हो तो किसानों का सच में भला हो जाएगा।

वित्त मंत्री सीतारमण ने बजट में किसानों के लिए क्या दिया है ?

वित्त मंत्री सीतारमण ने बजट में किसानों के लिए क्या दिया है ?


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज मोदी सरकार के द्वितीय कार्यकाल का अंतरिम बजट प्रस्तुत किया है। इस बजट में कृषि क्षेत्र पर भी काफी बल दिया गया है।

आज मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतरिम बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रस्तुत किया। जिसमें कई घोषणाएं की गईं, इस बजट में सभी का ध्यान रखने की कोशिश की गई है। कृषि क्षेत्र पर भी बजट में काफी फोकस किया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि डेयरी किसानों के लिए एक व्यापक कार्यक्रम बनेगा।  

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए कहा कि 11.8 करोड़ किसानों को सरकारी मदद दी गई है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम के माध्यम से करोड़ों किसानों को रकम सीधी ट्रांसफर की जा रही है। पीएम किसान योजना का देशभर के अन्नदाता लाभ पा रहा हैं। साथ ही पीएम फसल योजना का लाभ चार करोड़ किसानों को दिया जा रहा है।

कृषि क्षेत्र की ग्रोथ घटकर केवल 1.2 फीसदी हो गई है। इस कारण से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बार के यूनियन बजट में कई उपायों का ऐलान किया है, जिससे कृषि क्षेत्र की उन्नति व विकास को बढ़ाया जा सके।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) वित्तीय वर्ष 2024-25 का बजट संसद में पेश कर रहीं हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि देश में रोजगार के मौके बढ़ते जा रहे हैं। हमारी सरकार सर्वसमावेशी विकास कर रहे हैं। साल 2047 तक भारत एक विकसित राज्य बन जाएगा।

बजट में की गईं निम्नलिखित बड़ी घोषणाऐं 

टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं: वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि इस बार टैक्स स्लैब में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। पहले की तरह आयकर सीमा 7 लाख बनी रहेगी, जिससे नौकरीपेशा को कोई फायदा नहीं होगा।

फ्री बिजली का एलान: वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में एलान करते हुए कहा कि आने वाले समय में रूफटॉप सोलराइजेशन से 1 करोड़ परिवारों को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि इससे मासिक 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली मिलेगी। वित्त मंत्री ने कहा कि इससे 15,000 से 18,000 रुपये तक की बचत होने की उम्मीद है।

हाउसिंग स्कीम लाएगी सरकार: वित्त मंत्री ने हर गरीब को घर देने का एलान किया है। सीतारमण ने कहा कि किराए के मकानों, झुग्गियों या अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को अपना घर खरीदने के लिए सरकार नई हाउसिंग स्कीम लाएगी।

4 करोड़ मकानों का लक्ष्य होगा पूराः वित्त मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार हर गरीब को घर देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सरकार 2 करोड़ घर गरीबों को सौंप चुकी है और 4 करोड़ घरों का लक्ष्य प्राप्त करने के नजदीक है। सीतारमण ने कहा कि हमारी सरकार ने 70 फीसद महिलाओं को घर देने का काम किया है।

मेडिकल कॉलेजों का होगा विस्तार: सीतारमण ने कहा कि सरकार मौजूदा अस्पताल के बुनियादी ढांचे का उपयोग कर अधिक मेडिकल कॉलेज स्थापित करने की योजना बना रही है। इसके लिए एक समिति का गठन किया जाएगा।

सर्वाइकल कैंसर के लिए टीकाकरण अभियान: सरकार सर्वाइकल कैंसर का खात्मा करने के लिए 9-14 वर्ष की लड़कियों के लिए टीकाकरण को प्रोत्साहित देगी।

आयुष्मान भारत का विस्तार: सभी आशा कार्यकर्ताओं, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायकों के लिए आयुष्मान भारत के तहत स्वास्थ्य देखभाल कवर का विस्तार हुआ है।

रक्षा खर्च बढ़ाः वित्त मंत्री ने कहा सरकार ने रक्षा खर्च को 11.1 फीसद तक बढ़ाया है, यह GDP का 3.4 फीसद होगा।

रेल होगी अपग्रेडः वंदेभारत स्तर के 40 हजार रेल डिब्बे बनाए जाएंगे। वित्त मंत्री ने कहा कि ज्यादा भीड़ वाले रेल मार्गों के लिए 3 अलग कॉरिडोर बनाएं जाएंगे।

महिलाएं बनीं लखपतिः वित्त मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने 3 करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाने की योजना बनाई है और अभी तक एक करोड़ को लखपति बना दिया है।

पंजाब सरकार के इस साल के बजट में किसानों के लिए क्या है? 

पंजाब सरकार के इस साल के बजट में किसानों के लिए क्या है? 

पंजाब में 27 जून को पेश यानी आज के दिन पेश हुआ बजट, जिसमे शिक्षा, कृषि और स्वास्थ्य में फोकस किया गया है.

हरपाल सिंह चीमा जो की पंजाब के वित्त मंत्री है उन्होंने भ्रष्टाचार विरोधी अभियान को लेकर बजट पेश किया. उन्होंने एक जुलाई से मुफ्त बिजली देने का वादा किया और साथ ही अपने मंत्री विजय सिंगला के खिलाफ मान की कार्रवाई का जिक्र किया. 11,000 करोड़ रुपए भगवंत मान सरकार ने कृषि के लिए आवंटित किए है. जिसमे से पराली जलाने की समस्या के लिए 200 करोड़ रुपए आवंटित किए है.

ये भी पढ़ें: पंजाब सरकार बनाएगी पराली से खाद—गैस राज्य में मेडिकल कॉलेज बहुत कम है जिसकी वजह से सरकार ने 16 मेडिकल कॉलेज स्थापित करने का वादा किया है. जिसकी वजह से राज्य में कुल 25 मेडिकल कॉलेज हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि वन विधायक वन पेंशन से 19 करोड़ हर साल और पेपरलेस बजट से 21 लाख रुपए बचेंगे. वित्तमंत्री हरपाल चीमा ने कहा कि बजट का एक एक पैसा लोगो पर खर्च होगा. हरपाल चीमा का कहना है कि यह बजट आम जनता की सलाह से बनाया गया है. इस बजट के लिए 20384 सुझाव लोगो ने दिए जिसमे से लगभग 5503 राज्य की महिलाओं ने भी सलाह दी थी. इस बार बजट में कोई नया टैक्स नहीं जोड़ा गया है. 450 करोड़ का प्रावधान सीधी बिजाई के लिए किया है. पिछली बार सरकार ने टैक्स की चोरी को लेकर कोई इंतजाम नही किया था, परंतु इस बार सरकार ने टैक्स की चोरी को रोकने के लिए पहली बार यूनिट बनाने जा रही है. शिक्षा के क्षेत्र में इस बार सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. स्कूली व उच्च शिक्षा में 16, तकनीकी शिक्षा में 47 और मेडिकल शिक्षा में 57 फीसदी तक का इजाफा किया गया है। भगवंत मान सरकार ने 2022 - 23 में 55 हजार 860 करोड़ के बजट खर्चे का अनुमान रखा है.
राजस्थान सरकार देगी निशुल्क बीज : बारह लाख किसान होंगे लाभान्वित

राजस्थान सरकार देगी निशुल्क बीज : बारह लाख किसान होंगे लाभान्वित

राजस्थान सरकार पहली बार कृषि के उत्थान के लिए अलग से कृषि बजट लाई है. इस बजट में मिलेट प्रमोशन मिशन के लिए 100 करोड़ का प्रावधान किया गया है. इसके तहत फसल सुरक्षा मिशन के जरिए एक करोड़ पच्चीस लाख मीटर मे तारबंदी के लिए सहायता दी जाएगी, वहीं फसलों को आवारा पशुओं से बचाने के लिए हर गांव में एक नंदी शाला बनाने की योजना भी लाई गई है. जैविक खेती मिशन शुरू की जाएगी और साथ ही कस्टम हायरिंग सेंट्रल को १००० ड्रोन दिए जाने का प्रावधान किया गया है. अब होगी ड्रोन से राजस्थान में खेती, किसानों को सरकार की ओर से मिलेगी 4 लाख की सब्सिडी राजस्थान के कृषि बजट में की गई घोषणाओं को लेकर सरकार किसानों के बीच जा रही है और पूरी जानकारी दे रही है. जयपुर के दुर्गापुरा कृषि अनुसंधान केंद्र में बजट की घोषणाओं को लेकर एक कार्यक्रम भी आयोजित किया गया. कार्यक्रम में किसानों को जानकारी दी गई कि अभी तक १५००० मूंग और ४२००० संकर बाजरा के बीजों का निशुल्क वितरण किसानों के बीच किया गया है. कार्यक्रम में जयपुर के अतिरिक्त जिला कलेक्टर अशोक कुमार शर्मा ने बताया कि किस प्रकार अलग से पेश किए गए इस बजट के प्रावधानों का किसानों को लाभ मिलेगा और इससे उत्पादकता बढ़ेगी. खेती किसानी को बढ़ाने के लिए राजस्थान सरकार द्वारा १२ लाख लघु एवं सीमांत किसानों को निशुल्क बीज मुहैया कराई जानी है. इसके तहत ८ लाख संकर मक्का मिनीकट, १० लाख बाजरा, २.७४ लाख मूंग, २६३१५ मोठ, ३१२७५ उड़द एवं १ लाख ढेंचा बीज का किसानों के बीच मुफ्त में वितरण किया जाना है, जिससे छोटे एवं सीमांत किसानों के बीज को लेकर हो रही परेशानी समाप्त हो जाएगी. साथ ही खेती की लागत में भी कमी आएगी और आय में वृद्धि होगी.

ये भी पढ़ें:
किसानों के लिए खुशी की खबर, अब अरहर, मूंग व उड़द के बीजों पर 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी मिलेगी
रबी या खरीफ किसी भी सीजन में किसानों को अच्छी बीज प्राप्त करने में काफी समस्या आती है. पैसा खर्च करने के बाद भी कई बार ऐसा होता है कि उन्हें नकली बीज मिलता है, जिससे फसल अच्छी नहीं होती और किसानों को आर्थिक नुकसान भी होता है. मौके पर कृषि पदाधिकारियों ने बताया कि २०२२ - २३ के कृषि बजट में किसान कल्याण कोष की रकम को दो हजार करोड़ से बढ़ाकर पांच हजार करोड़ रूपया कर दिया गया है. कृषि साथी योजना के अंतर्गत ११ मिशन चलाए जाएंगे, जिसके लिए प्रशासनिक स्वीकृति भी दे दी गई है. कई काम आरंभ भी किए जा चुके हैं. फार्म पॉन्ड और डिग्गी निर्माण में किसान रुचि ले रहे हैं. वही ग्रीन हाउस, शेड नेट हाउस, लोड टलन के लिए भी बड़ी मात्रा में किसानों का आवेदन प्राप्त हो रहा है.

ये भी पढ़ें:
राजस्थान में कम बारिश के चलते सरकार ने 15000 तालाब बनाने का लिया फैसला : किसान फार्म पौंड स्कीम (Farm pond) – Khet talai (खेत तलाई)
जयपुर में आयोजित इस सेमिनार में अधिकारियों ने बताया कि जिले में २० समुदायिक जल स्रोतों की स्थापना हो चुकी है. सांगानेर, बगरू, शाहपुरा में नवीन मंडी और मिनी फूड पार्क के लिए निशुल्क भूमि आवंटन का काम जारी है. वही सेमिनार में उपस्थित प्रतिभागियों ने बताया यह राज्य में ११४ नए दुग्ध उत्पादन सहकारी समितियों का पंजीकरण हुआ है, जिसमें केवल जयपुर में ६० समितियां है. इंदिरा गांधी नहर परियोजना में लगभग एक हजार छह सौ करोड़ रुपए की लागत से जीर्णोधार एवं सिंचाई संबंधी कार्य किया जा रहा है.
राजस्थान कृषि बजट समीक्षा के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का ये है अगला प्लान

राजस्थान कृषि बजट समीक्षा के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का ये है अगला प्लान

4 लाख किसानों पर खर्च होंगे 1705 करोड़ रु.

ड्रिप इरिगेशन से फसल उत्पादन बढ़ाने का लक्ष्य तय

किसानों को मिलेगा फायदा

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य कृषि बजट की समीक्षा बैठक के दौरान प्रदेश में खेती-किसानी की स्थिति पर चर्चा की। सीएम गहलोत ने राजस्थान जैसे मरुस्थलीय प्रदेश में ड्रिप इरिगेशन को ही सिंचाई के लिए एक दीर्घकालिक समाधान बताया। उन्होंने ड्रिप इरिगेशन से फसल पैदावार बढ़ने की बात कही। उन्होंने कहा कि, किसानों का रुझान ड्रिप इरिगेशन की ओर बढ़ा है। राजस्थान सरकार इसके उपयोग के प्रति जागरूकता प्रसार के लिए प्रतिबद्ध है जिसके लिए सतत प्रयास किए जा रहे हैं। ड्रिप इरिगेशन (Drip irrigation या trickle irrigation या micro irrigation या localized irrigation), सिंचाई की ऐसी विधि है, जिससे पानी और खाद की भरपूर बचत की जा सकती है।

ये भी पढ़ें: ड्रिप सिंचाई यानी टपक सिंचाई की संपूर्ण जानकारी

कृषि बजट में प्रावधान -

राजस्थान सरकार ने ड्रिप इरिगेशन के उपयोग को राज्य में अमल में लाने के लिए प्रतिबद्धता जताई है। सीएम ने बताया कि, सरकार ने बजट में 4 लाख किसानों को ड्रिप इरिगेशन से लाभान्वित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य पूर्ति के लिए 1705 करोड़ रुपए का प्रावधान कृषि बजट में किया गया है।

सिंचाई संयंत्र की उपलब्धता

सीएम गहलोत ने कहा कि, राजस्थान प्रदेश के 2 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में ड्रिप इरिगेशन के लिए सरकार कृत संकल्पित है। इसके लिए राजस्थान सूक्ष्म सिंचाई मिशन के तहत 1.60 लाख कृषकों को सिंचाई संयंत्र उपलब्ध कराने हेतु स्वीकृति जारी कर दी गई है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य कृषि बजट की समीक्षा बैठक में इस बारे में जानकारी प्रदान की।

जलसंचय अभियान

राजस्थान में कम पानी की स्थिति के कारण जलसंचय के लिए खास प्रबंध किए जा रहे हैं। राज्य में पानी की कमी की समस्या से निपटने के लिए अब तक 9,738 फार्मपोंड व 1,892 डिग्गियां बनाने के लिए इजाजत दी जा चुकी है।

ये भी पढ़ें: राजस्थान में कम बारिश के चलते सरकार ने 15000 तालाब बनाने का लिया फैसला : किसान फार्म पौंड स्कीम (Farm pond) – Khet talai (खेत तलाई)

सोलर पंप वर्क ऑर्डर

राज्य सरकार के अनुसार सोलर पंप की स्थापना के लिए 22,807 किसानों को वर्क ऑर्डर जारी किए जा चुके हैं। इन सोलर पंप्स पर सरकार ने 61.58 करोड़ रुपये की सब्सिडी जारी की है।

75 फीसदी सब्सिडी

सिंचाई में प्रयुक्त होने वाले पानी की बचत को बढ़ावा देने के मामले मेें राजस्थान सरकार संवेदनशील नजर आ रही है। प्रदेश सरकार की ओर से सिंचाई के पानी की बचत संबंधी योजनाओं पर लगभग 75 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जा रही है।

ड्रोन की तैयारी

बैठक में बताया गया कि, राजस्थान सरकार 40 करोड़ की लागत से 1000 ड्रोन खरीदेगी। यह ड्रोन ग्राम सेवा सहकारी समितियों तथा कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को उपलब्ध करवाए जाएंगे।

ये भी पढ़ें: अब होगी ड्रोन से राजस्थान में खेती, किसानों को सरकार की ओर से मिलेगी 4 लाख की सब्सिडी

ये काम करेगा ड्रोन

सीएम ने उम्मीद जताई कि, राज्य सरकार द्वारा खरीद कर वितरित किए जाने वाले ड्रोन से प्रभावी एवं सुरक्षित तरीके के साथ ही कम समय में कीटनाशकों का छिड़काव संभव हो सकेगा। इससे न केवल फसल की कम लागत में रक्षा होगी बल्कि किसान की आय में भी बढ़ोतरी होगी। सीएम गहलोत ने राज्य में कृषि संबंधित योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक लघु और सीमांत किसानों तक पहुंचाने के लिए किसान हितैषी कृषि प्रावधान करने के निर्देश बैठक में दिए।

फल-मसालों पर जोर

मुख्यमंत्री ने राजस्थान बागवानी विकास मिशन के तहत फलों व मसालों की खेती पर फोकस करने के लिए निर्देशित किया। राज्य में करीब 15000 हेक्टेयर क्षेत्र में फलों की खेती व 1500 हेक्टेयर क्षेत्र में मसालों की खेती का लक्ष्य तय किया गया है।

बगीचों पर ग्रांट बढ़ाई

राजस्थान सरकार द्वारा फल बगीचों की स्थापना एवं विस्तार के लिए ग्रांट प्रदान करने की सीमा 50 फीसदी से बढ़ाकर 75 प्रतिशत कर दी गई है। इसके तहत प्राप्त आवेदनों को स्वीकृति प्रदान करने की प्रक्रिया प्रदेश में जारी है।

ये भी पढ़ें:  राजस्थानः किसान संग मछली और पशु पालकों की भी चांदी, जीरो परसेंट ब्याज पर मिलेगा लोन

टिश्यू कल्चर पौध आपूर्ति

राजस्थान में खजूर की खेती के प्रोत्साहन के लिए सरकार ने खजूर बगीचा स्थापना तथा टिश्यू कल्चर पौध आपूर्ति के लिए अनुदान देना शुरू किया है। राज्य कृषि बजट की समीक्षा बैठक के दौरान कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने किसानों से ऋणमाफी, किसान ऊर्जा मित्र योजना, फसल सुरक्षा, मशीनरी खरीद आदि के लिए अनुदान से जुड़ी योजनाओं का अधिक से अधिक फायदा उठाने की अपील की है।

बजट देख किसानों का फूटा गुस्सा, किसानों ने कहा सरकार की कथनी और करनी अलग हैं

बजट देख किसानों का फूटा गुस्सा, किसानों ने कहा सरकार की कथनी और करनी अलग हैं

भारत सरकार की तरफ से केंद्रीय वित्त मंत्री माननीय निर्मला सीतारमण जी ने वित्त वर्ष 23 का बजट पेश कर दिया है। किसानों के लिए इस बजट में विभिन्न योजनाएं जारी करने का ऐलान किया गया है। किसान भाइयों को सरकार से बेहद उम्मीद थी, कि उनके लिए इस बजट में बहुत कुछ मिलेगा। लेकिन केंद्र इस वजट में लघु एवं सीमांत किसानों के लिए कोई खास प्रावधान देखने को नहीं मिल रहा है। कुछ किसानों का कहना है, कि उनकी किसान सम्मान निधि की सहायता राशि में वृद्धि होने की आशा थी। परंतु, ऐसा कुछ नहीं हुआ है। अगर हम बजट को देखें तो इसमें प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। किसान भाइयों का कहना है, यदि किसान प्राकृतिक खेती की तरफ रुझान करें तो उनको कम उत्पादन मिलेगा। जिससे उनकी आमदनी भी कम होगी। किसान भाई इस वजट से नाखुश दिखाई दे रहे हैं। सरकार ने बजट में मछली पालन और पशुपालन के लिए प्रोत्साहन देने की घोषणा की है। इस संबंध में किसानों का कहना है, कि उनको पशुपालन में प्रोत्साहन मिलने से काफी राहत मिलेगी। लेकिन मछली पालन से लघु एवं सीमांत किसान इस योजना का लाभ लेने में असमर्थ हैं। छोटे किसानों के लिए सरकार ने उर्वरक एवं खाद बीज पर कोई रिहायत नहीं दी है।
ये भी देखें: आगामी बजट से पूर्व वित्त मंत्री ने किसानों के साथ बैठक की
पिछले एक साल से किसानों को सूखा, बाढ़ और बरसात जैसी प्राकृतिक आपदाओं ने काफी प्रभावित किया है। अब यदि ऐसे में किसान प्राकृतिक खेती करते हैं, तो उनको अच्छा उत्पादन मिलने की बेहद कम संभावना होगी। इस वजट में किसान भाईयों की फसल पर कोई भी न्यूनतम समर्थन MSP मूल्य की बात नहीं की गई है। भारत सरकार किसानों की आय दोगुनी करने की निरंतर बात करती रहती है। लेकिन सरकार के बजट को बारीकी से देखा जाए तो छोटे और सीमांत किसानों के लिए बजट में कुछ खास देखने को नहीं मिल रहा है। merikheti.com ने बजट के बारे में किसानों की राय ली है जो कि उपरोक्त में आप देख चुके हैं। सरकार द्वारा जारी बजट में किसानों के लिए जो भी योजनाएं हैं। उन सबके बारे में Merikheti ने इस लेख में स्पष्ट कर दिया है। बजट आने के बाद किसानों से हुई वार्ता में किसान भाईयों ने अपनी जो प्रतिक्रिया दी हैं। वह काफी चौंकाने वाली हैं। किसानों ने अपनी आप बीती बताते हुए कहा है कि सरकार किसानों की आय दोगुनी करने का केवल नाटक करती है। बाकी धरातल पर ऐसा कुछ देखने को नहीं मिलता है।
ये भी देखें: सरकार ने जारी किया बजट, आइए जानते हैं इस बजट में क्या है खास
सरकार इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स दिवस मनाने जा रही है, जिसके अंतर्गत बाजरा की पैदावार को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। सरकार की इस पहल से किसान काफी खुश नजर आ रहे हैं। इससे बाजरे की फसल का रकबा और माँग दोनों बढ़ेंगी। इसके अतिरिक्त बजट में किसानों के लिए क्या फायदा है। इस बात को देखने के लिए सालभर प्रयास जारी रहेगा।
हरियाणा कृषि बजट की अहम घोषणाएं, किसानों की होगी अच्छी आय

हरियाणा कृषि बजट की अहम घोषणाएं, किसानों की होगी अच्छी आय

केंद्र सरकार ने अपने वित्त वर्ष साल 2023 से 2024 के लिए 1 फरवरी को नया बजट पेश किया था. जिसके बाद देश के अन्य राज्यों की सरकारें भी नये साल के बजट के साथ अपने मास्टर प्लान बताने लगी है. जिसमें उत्तर प्रदेश के साथ साथ राजस्थान और हरियाणा का बजट भी शामिल है. जहां हरियाणा की बात की जाए, तो राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी हरियाणा का नया बजट गुरुवार को पेश कर चुके हैं. वित्त वर्ष साल 2023  से 2024 के लिए पशुपालन के साथ कृषि, बागवानी, सहकारिता और बागवानी मुख्य बिंदु रहे. इन सभी क्षेत्रों के लिए सरकार की तरफ से 8 हजार 316 करोड़ रुपये का आवंटन प्रस्ताव रखा गया. हालांकि यह प्रस्ताव पीछले साल के बजट से लगभग 19 फीसद ज्यादा है. ऐसे में वित्त वर्ष 2023 से 2024 के लिए राज्य सरकार ने किसी तरह की कोई भी नई योजना का ऐलान नहीं किया है. ये भी पढ़ें: यूपी के बजट में किसानों पर दिया गया है ख़ास ध्यान; जानें क्या है नई घोषणाएं इन सबके बीच किसानों के हित के बारे में सोचते हुए सरकार ने पहले से चली आ रही योजनाओं में कुछ खास बदलाव करते हुए राहत अनुदान पैकेज में बढ़ोतरी कर दी गयी है.

जानिए क्या हैं कृषि बजट की महत्वपूर्ण योजनाएं

  • हरियाण में भूजल संकट गहराता जा रहा है. जिसे ध्यान में रखते हुए खरीफ सीजन में धान की सीधी बिजाई का प्रस्ताव सामने रखा है.
  • इस साल राज्य में लगभग दो लाख हेक्टेयर के हिसाब से रकबा धान की सीधी बिजाई का मास्टर प्लान है.
  • ढेंचा खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाएगा.
  • ढेंचा खेती के लिए लगने वाली लागत सरकार ने प्रति एकड़ के हिसाब से 720 रुपये रखी है. जिसके तहत किसानों को लगभग 80 फीसद का अनुदान दिया जाएगा.
  • हरियाणा में गर्मीं के सीजन में मूंग का उत्पादन बढ़ाने का भी प्लान है.
  • मूंग के अच्छे उत्पादन के लिए करीब एक लाख एकड़ से ज्यादा जगह को कवरेज किया जाएगा.
  • ड्रोन तकनीक के जरिये खेती किसानी से जुड़े काम को आसान बनाने में मदद दिलाई जाएगी.
  • 500 युवा किसानों को ड्रोन चालने की ट्रेनिंग का भी प्रस्ताव रखा गया है.
  • लगभग 50 हजार एकड़ जमीन को कृषि योग्य बनाया जाएगा.
  • अच्छी गुणवत्ता वाले शहद का उत्पादन बढ़ाने के लिए हनी क्वालिटी लैब की स्थापना की जाएगी.
  • शहद व्यापार में नीति भी लागू की जाएगी.
  • पंचकूला, पिनगवां, नूह, झज्जर और मणिपुर में बागवानी फसलों के लिए तीन सेंटर फॉर एक्सीलेंस बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
  • पराली खरीद के लिए 1 हजार रुपये देने का प्रस्ताव दिया गया है.
  • पराली जलाने से जुड़ी समस्या को निपटाने के लिए चयनित एजेंसियों को खर्चों के लिए 15 सौ रुपये प्रति टन के हिसाब से दिया जाएगा.

नेचुरल फार्मिंग की ओर ज्यादा ध्यान

कृषि में लगने वाली लागत को कम करने के लिए नेचुरल फार्मिंग की तरफ ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है, गाय पालन से लेकर कम बजट में अच्छी फसलों का उत्पादन करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है. इसी तरफ पर हरियाणा की सर्कन ने भी अपने इस नये बजट में 20 हजार एकड़ रकबे को नेचुरल फार्मिंग के लिए निर्धारित किया है. बता दें सरकार के इस कदम से कृषि विशेषज्ञों को मदद मिलेगी. इसके अलावा जींद और सिरसा जिले में कुल तीन नेचुरल फार्मिंग से जुड़े ट्रेनिंग सेंटर भी खोले जाएंगे.

पशु पालन के लिए भी महत्वपूर्ण घोषणाएं

हरियाणा को दूध के उत्पादन का सबसे बड़ा केंद्र माना जाता है. किसान अपनी किसानी के साथ पशु पालन का भी काम करते हैं. हालांकि पशु पालन के विकास को लेकर सरकार पहले से ही कई तरह की योजनाएं चला रही है. लेकिन वित्त वर्ष 2023 से 2024 में इस सेक्टर में विकास के लिए हरियाणा पशुधन उत्थान की भी शुरुआत करने का प्लान है.
  • पशुधन की स्वास्थ्य से जुड़ी सुरक्षा के लिए 70 नई मोबाइल पशु चिकित्सा युनिट की शुरुआत की जाएगी.
  • राज्य के कई हिस्सों में पशु चिकित्सा पालीटेक्निक की भी स्थापना की जाएगी.
  • दो हाईटेक वेटनरी पेट क्लिनिक फरीदाबाद और गुरुग्राम में शुरू किया जाएगा.
  • हरियाणा गौ सेवा आयोग ने 4 सौ करोड़ का बजट आवारा पशुओँ की सुरक्षा के लिए देने का ऐलान किया है. यह बजट पहले सिर 40 करोड़ रुपये ही था.
  • ग्राम पंचायतों की सहमती के बाद नई गौशालाओं की स्थापना की जाएगी.

नहीं झेलनी पड़ेगी पानी की किल्लत

इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि, सरकार ने पिछले कुछ सालों में सूक्ष्म सिंचाई की तरफ खास ध्यान दिया है. जिससे भूजल को संरक्षित करने में काफी मदद मिली है. जिसके बाद इसी कड़ी में बजट 2023 से 2024 के लिए सरकार उन गांवों में एक हजार पोजोमीटर की स्थापना करवाएगी जहां पानी की किल्लत है. इस योजना को नाम अटल भूजन योजना रखा गया है. हरियाणा सरकार का इस साल करीब ढ़ाई लाख एकड़ कृषि क्षेत्रफल को सूक्ष्म सिंचाई से जोड़ेगी. जिसके लिए 4 हजार ऑन फार्म वाटर टैंक का निर्माण किया जाएगा. बात गन्ने के उत्पान को बढ़ाने की करें तो उसके लिए भी सरकार के पिटारे से काफी कुछ निकला है. जहां राज्य में 2 लाख एकड़ पर जल संचय के लिए कई तरह के ढांचों की स्थापना करवाई जाएगी.
कृषि मंत्रालय ने पीएम किसान सम्मान निधि योजना में किया अहम बदलाव

कृषि मंत्रालय ने पीएम किसान सम्मान निधि योजना में किया अहम बदलाव

यदि आप प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के पात्र हैं। तो ऐसे में आपके लिए एक बड़ी खबर है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत कुछ महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए हैं, जिसका प्रत्यक्ष तौर पर प्रभाव देश के 8 करोड़ से अधिक किसानों के ऊपर पड़ेगा। भारत सरकार शीघ्र ही प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 14वीं किस्त की धनराशि को हस्तांतरित करने वाली है। अब ऐसे में योजना की 14वीं किस्त को जारी करने से पूर्व सरकार ने कुछ जरूरी बदलाव योजना के अंदर किए हैं। वर्तमान में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में लाभार्थी स्टेटस देखने का ढ़ंग पूर्णतय बदल गया है। इसके अतिरिक्त सरकार ने पीएम किसान मोबाइल एप भी जारी किया है। बेनिफिशियरी स्टेटस को देखने का तरीका फिलहाल परिवर्तित हो चुका है। बेनिफिशियरी स्टेटस को देखने के लिए आपको फिलहाल रजिस्ट्रेशन नंबर की आवश्यकता पड़ेगी।

कृषि मंत्रालय ने पीएम किसान मोबाइल ऐप जारी किया

साथ ही, फर्जीवाड़े की रोकथाम करने के मकसद से केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने पीएम किसान मोबाइल एप को भी जारी किया है। इस ऐप की विशेष बात यह है, कि यह फेस ऑथेन्टिकेशन तकनीक से युक्त है।

ये भी पढ़ें:
अब किसान ऐप से कर सकेंगे किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की ई-केवाईसी प्रक्रिया
जानकारी के लिए बतादें कि इस एप की सहायता से किसान बड़ी सहजता से फेस ऑथेंटिकेशन की मदद से अपनी ई-केवाईसी करा सकते हैं। अब ऐसी स्थिति में उनको वन टाइम पासवर्ड एवं फिंगरप्रिंट की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

15 जुलाई से पहले आ सकती है 14वीं किस्त

भारत सरकार की तरफ से अब तक प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 13 किस्तें जारी की जा चुकी हैं। अब ऐसी स्थिति में देशभर में करोड़ों किसान इस स्कीम की 14वीं किस्त का बड़ी ही उत्सुकता से इंतजार कर रहे हैं। मीडिया खबरों के मुताबिक, तो भारत सरकार 15 जुलाई से पूर्व प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 14वीं किस्त की धनराशि को हस्तांतरित कर सकती है। हालांकि, सरकार की तरफ से अब तक इसको लेकर किसी तरह की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।
यूपी के बजट में किसानों पर दिया गया है ख़ास ध्यान; जानें क्या है नई घोषणाएं

यूपी के बजट में किसानों पर दिया गया है ख़ास ध्यान; जानें क्या है नई घोषणाएं

यूपी सरकार द्वारा साल 2023-24  के लिए बजट पेश किया जा चुका है. आंकड़ों से पता चला है कि इस बार सरकार ने बजट में 7 लाख करोड़ रुपए का बताया है जो अब तक का सबसे बड़ा बजट है.यह बजट सरकार के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना द्वारा पेश किया गया जिन्होंने सातवीं बार लगातार यह बजट पेश किया है. यूपी सरकार द्वारा लाए गए इस बजट में सबसे पहले और कई महत्वपूर्ण बातें किसानों पर की गई हैं. बजट पेश करते समय सुरेश खन्ना ने कुछ आंकड़े सामने रखे जिनके अनुसार कहा गया है कि यूपी में लगभग 188.40 लाख हेक्टेयर भूमि कृषि योग्य है और  इसी के चलते प्रदेश दूध, गन्ना, चीनी प्रोडक्शन और इथेनॉल की आपूर्ति में देश में पहले नंबर पर है.साथ ही उन्होंने यह भी जानकारी दी कि डीवीडी के जरिए किसानों को डायरेक्ट खाते में पैसे भेजने वाला उत्तर प्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य बन गया है जिसमें किसानों के खाते में सबसे ज्यादा पैसे जमा किए हैं.

इस बजट में किसानों से सीधे तौर पर जुड़ी हुई साथ महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई जो इस प्रकार से हैं;

  1. सरकार द्वारा ‘द मिलियन फार्मर्स स्कूल’’ कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा जिसके तहत किसानों को खेती की नई तकनीक के बारे में जानकारी देते हुए उन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा.साल 2023-24 मैं यूपी सरकार ऐसी 170000 किसान पाठशाला में आयोजित करेंगी जिनमें उन्हें यह जानकारी दी जाएगी.
  2. यूपी सरकार ने नेशनल मिशन फॉर सस्टेनेबल एग्रीकल्चर योजना के लिए 631 करोड़ 93 लाख रूपए  देने की बात कही है.
  3. यूपी सरकार नेशनल मिशन ऑन एग्रीकल्चर फार्मिंग योजना को काफी महत्व दे रही है और इसके तहत राज्य में 49 जिलों में प्राकृतिक खेती का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है जो गौ आधारित है. इस बजट में सरकार ने इस योजना को 113 करोड़ 52 लाख रूपए  प्रस्तावित किए हैं.
  4. सरकार ने इस बजट में निजी नलकूपों को सस्ते दरों पर बिजली आपूर्ति करवाने की बात भी कही है और इस योजना को पूरा करने के लिए  1950 करोड रुपए बजट में रखे गए हैं.
  5. यूपी सरकार द्वारा राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के लिए 984 करोड़ 54 लाख रूपए का बजट  रखा गया है.
  6. आत्मनिर्भर कृषक समन्वित योजना के लिए भी सरकार ने अच्छा खासा बजट इस बार निकाला है जो 100 करोड रुपए है.
  7. सरकारों को उनकी फ्रॉक का इंश्योरेंस देना भी योगी सरकार का हमेशा से महत्व रहा है और इसीलिए इस बजट में नेशनल क्रॉप इंश्योरेंस योजना के लिए 753 करोड़ 70 लाख रुपए का बजट प्रस्तावित है.
  8.  इन सबके अलावा सिंचाई और कृषि शिक्षा के लिए भी सरकार ने अलग से कई तरह की योजनाएं बनाने का फैसला किया है जिनके तहत  बजट का आवंटन किया जाएगा.
ये भी पढ़ें: सरकार ने जारी किया बजट, आइए जानते हैं इस बजट में क्या है खास बजट पेश करते वक्त यूपी के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कृषि और किसानों से संबंधित और भी कई महत्वपूर्ण बातें कहीं.  उन्होंने बताया कि  2017 से 2023 तक 46 लाख 22 हजार गन्ना किसानों को 1 लाख 96 हजार करोड़ रिकॉर्ड गन्ना मूल्य भुगतान किया गया. इस दौरान ना सिर्फ गन्ने की प्रोडक्शन में बढ़ावा हुआ है बल्कि किसानों की आय भी प्रति हेक्टेयर की दर से काफी अच्छी तरह से बढ़ी है. उनके द्वारा बताए गए आंकड़ों से पता चलता है कि अंत फसल की खेती से किसानों को लगभग 25% की आमदनी में बढ़ोतरी हुई है. विपणन वर्ष के दौरान 87 हजार 991 किसानों से 3.36 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया। PFMS पोर्टल के जरिए से 675 करोड़ का भुगतान किया गया है.

जैसा कि बताया गया है कि यूपी एक ऐसा राज्य बन गया है जिसने DBT के जरिए किसानों के खाते में सबसे ज्यादा पैसे  डाले हैं.

आंकड़ों की बात की जाए तो साल 2022- 23 में पीएम सम्मान निधि से 51 हजार 639.68 करोड़ से ज्यादा अमाउंट DBT के जरिए किसानों के खाते में ट्रांसफर की गई. अभी के बजट में किसान पेंशन योजना के लिए 7 हजार 248 करोड़ रूपए का बजट प्रस्तावित है. अर्थशास्त्र एक्सपर्ट डॉक्टर मुलायम सिंह से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि  दूध,  गन्ना और चीनी के उत्पादन में यूपी हमेशा से ही नंबर वन रहा है और इसमें कोई दो राय नहीं है. लेकिन उन्होंने सरकार द्वारा डीबीटी के माध्यम से किसानों के खाते में पहुंचाए जाने वाली राशि को बहुत ही सराहनीय कदम बताया है. इसके अलावा उन्होंने इस बजट पर एक और टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार ने नई घोषणाएं करने की बजाय अपनी पिछली उपलब्धियों को ज्यादा बनवाया है. इसके अलावा उन्होंने छुट्टा गोवंश के रखरखाव के लिए सरकार द्वारा 750 करोड़ रुपए की बजट घोषणा करने को भी किसानों के लिए एक अच्छा कदम बताया है.
पंजाब सरकार ने किसानों के लिए अपने बजट में खोला खजाना

पंजाब सरकार ने किसानों के लिए अपने बजट में खोला खजाना

पंजाब की भगवंत मान सरकार ने 2024-25 के लिए राज्य का बजट प्रस्तुत कर दिया है। पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने चंडीगढ़ में विधानसभा में 2.04 लाख करोड़ का बजट पेश किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार खेती-किसानी पर विशेष बल दे रही है। 

कृषि के लिए सरकार ने कुल 13784 करोड़ रुपये खर्च करने की व्यवस्था की है, जो कुल बजट का 9.37 प्रतिशत है। इसके अतिरिक्त राज्य के किसानों को मुफ्त बिजली देने के लिए 9330 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। 

इसके साथ ही महिलाओं, युवाओं और बेरोजगारों को नौकरियां देने के अलावा स्वास्थ्य और शिक्षा पर सरकार का फोकस रहा है। 

पंजाब सरकार ने किसानों को 13000 करोड़ से अधिक की सौगात दी   

उपरोक्त में जैसा बताया है, कि पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने विधानसभा में वित्तवर्ष 2024-25 के लिए 2.04 लाख करोड़ का बजट पेश कर दिया है। 

ये भी पढ़ें: पंजाब सरकार के इस साल के बजट में किसानों के लिए क्या है?

उन्होंने कहा कि पंजाब बजट 2024 में सरकार ने किसानों को सशक्त बनाने के लिए 13,784 करोड़ रुपये के बजट की व्यवस्था की है। यह कुल बजट का 9.37% फीसद है। 

उन्होंने कहा कि राज्य के किसानों को सिंचाई सुविधाओं के लिए मुफ्त बिजली देने के लिए 9330 करोड़ रुपये का बजट दिया गया है।  

भगवंत मान सरकार की सबसे बड़ी कृषि हेतु घोषणाएं निम्नलिखित हैं 

  • कपास की खेती को प्रोत्साहन देने के लिए 'मिशन उन्नत किसान' योजना जारी की गई है। उन्होंने कहा कि 87 हजार किसानों को कपास के बीज पर 33% प्रतिशत अनुदान दिया गया है। 
  • वित्त वर्ष 2024-25 में फसल विविधीकरण योजनाओं के लिए 575 करोड़ रुपये का आवंटन किया जाएगा। फसल विविधीकरण को प्रोत्साहन देने के लिए मूल्य संवर्धन पर ध्यान रहेगा। 
  • होशियारपुर में स्वचालित पेय पदार्थ यूनिट की स्थापना की जाएगी।  
  • पंजाब के अबोहर में काली मिर्च प्रॉसेसिंग इकाई लगाई जाएगी।
  • जालंधर में वैल्यू एडेड प्रॉसेसिंग सुविधा विकसित की जाएगी।
  • फतेहगढ़ साहिब में रेडी टू ईट मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट और अन्य परियोजनाओं के लिए सिडबी के साथ 250 करोड़ का समझौता किया है।